क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण – जानें किडनी की सेहत का संकेत
क्रिएटिनिन शरीर में बनने वाला एक अपशिष्ट पदार्थ होता है, जो मांसपेशियों की क्रिया के दौरान निकलता है और सामान्यतः किडनी के ज़रिए पेशाब के माध्यम से बाहर निकल जाता है। जब किडनी पूरी तरह से काम नहीं करती, तो रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ने लगता है। यह कई बार गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
इस लेख में हम जानेंगे –
🔹 क्रिएटिनिन बढ़ने के प्रमुख लक्षण,
🔹 इसके कारण,
🔹 और इससे निपटने के आसान उपाय।
🧪 क्रिएटिनिन क्या है?
क्रिएटिनिन एक केमिकल अपशिष्ट है, जो मांसपेशियों की कार्यप्रणाली से निकलता है। इसका स्तर सामान्यतः पुरुषों में 0.6–1.2 mg/dL और महिलाओं में 0.5–1.1 mg/dL होता है।
जब यह स्तर बढ़ने लगता है, तो यह किडनी की कमजोरी या फेलियर का पहला संकेत होता है।
⚠️ क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण
नीचे कुछ सामान्य और स्पष्ट लक्षण दिए गए हैं जो बताते हैं कि रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ रहा है:
1. शारीरिक थकान और कमजोरी
शरीर में ऊर्जा की कमी और हर समय थकावट महसूस होना क्रिएटिनिन के बढ़ने का संकेत हो सकता है।
2. चेहरे, पैरों और आँखों में सूजन
क्रिएटिनिन की अधिकता से शरीर में पानी रुकने लगता है, जिससे सूजन हो जाती है।
3. पेशाब में कमी या झाग आना
कम या असामान्य पेशाब, झागदार पेशाब या मूत्र का रंग गहरा होना – ये संकेत किडनी की खराबी को दर्शाते हैं।
4. मतली और उल्टी
जैसे-जैसे शरीर में विषैले तत्व जमा होते हैं, वैसे-वैसे मतली और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
5. सांस लेने में तकलीफ
बढ़ा हुआ क्रिएटिनिन स्तर शरीर में तरल पदार्थ जमा कर सकता है जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है।
6. भूख न लगना और वजन घटना
किडनी के सही काम न करने से पाचन प्रणाली प्रभावित होती है, जिससे भूख नहीं लगती।
7. त्वचा पर खुजली और जलन
शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने के कारण त्वचा पर खुजली और जलन महसूस हो सकती है।
🧾 क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण
- किडनी की बीमारियाँ (जैसे – क्रोनिक किडनी डिज़ीज़)
- हाई ब्लड प्रेशर
- डायबिटीज़
- ज्यादा प्रोटीन वाला खाना
- कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट
- बार-बार डिहाइड्रेशन
🌿 आयुर्वेदिक उपाय और दवाएँ
क्रिएटिनिन को कम करने के लिए आयुर्वेदिक दवा जैसे:
- गोखरू – मूत्रवर्धक और किडनी के लिए फायदेमंद।
- पुनर्नवा – सूजन और टॉक्सिन्स को कम करता है।
- वरणादि क्वाथ – आयुर्वेद में किडनी रोगों के लिए प्रयुक्त औषधि।
- नीम, गिलोय, और तुलसी – प्रतिरक्षा और विषहरण क्षमता बढ़ाते हैं।
नोट: किसी भी दवा को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें।
🥗 क्या खाएं और क्या न खाएं?
✔️ क्या खाएं:
- हल्की और सुपाच्य चीजें (दलिया, खिचड़ी)
- नारियल पानी (थोड़ी मात्रा में)
- मौसमी फल जैसे सेब, जामुन, पपीता
❌ क्या न खाएं:
- ज्यादा नमक और प्रोटीन
- रेड मीट, अंडा, दूध
- जंक फूड और पैकेज्ड चीजें
🔍 कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण लंबे समय तक महसूस हो रहे हैं तो तुरंत blood test (serum creatinine, GFR) करवाएं और किसी नेफ्रोलॉजिस्ट या आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें।
🔚 निष्कर्ष:
क्रिएटिनिन बढ़ना एक गंभीर संकेत है जो आपकी किडनी की हालत को दर्शाता है। समय पर पहचान और सही इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। आयुर्वेदिक दवाएं और जीवनशैली में सुधार करके आप क्रिएटिनिन के स्तर को नेचुरल तरीके से कम कर सकते हैं।
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