जम्मू-कश्मीर की सरज़मीन एक बार फिर आतंकी हमलों से दहल उठी है। पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए इस भीषण आतंकी हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े टीआरएफ (The Resistance Front) ने ली है। इसके साथ ही, हमले के मास्टरमाइंड की पहचान भी सामने आ गई है।
माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद, उर्फ सैफुल्लाह कसूरी, का हाथ है। उसे भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद का करीबी बताया जाता है और उसका नाम पहले भी कई बड़े आतंकी हमलों में सामने आ चुका है। कसूरी को लग्जरी गाड़ियों का शौक है और वह हमेशा अत्याधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षा घेरे में घूमता है।
पहलगाम हमले से पहले कहां था कसूरी?
बताया जा रहा है कि पहलगाम हमले से करीब दो महीने पहले सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान के पंजाब स्थित कंगनपुर पहुंचा था, जहां पाकिस्तानी सेना की एक बड़ी बटालियन तैनात है। कहा जाता है कि पाकिस्तानी सेना के अधिकारी तक उसकी सेवा में हाज़िर रहते हैं और वह अक्सर जवानों को भारत के खिलाफ भड़काता रहता है। इससे उसके पाकिस्तान में प्रभाव का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
गृहमंत्री अमित शाह ने ली सुरक्षा स्थिति की समीक्षा
हमले के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पहुंचकर सुरक्षा हालात की समीक्षा की। इस दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी नलिन प्रभात ने उन्हें मौजूदा स्थिति की जानकारी दी। इसके बाद शाह ने सेना, सीआरपीएफ और पुलिस सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
हमले की भयावहता: बैसरन बना आतंक का निशाना
बैसरन, पहलगाम से लगभग छह किलोमीटर दूर स्थित है और घने देवदार के जंगलों, पहाड़ियों और सुंदर घास के मैदानों से घिरा हुआ क्षेत्र है, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है। पीटीआई के मुताबिक, हमले के दौरान भारी हथियारों से लैस आतंकवादी इस क्षेत्र में घुस आए और वहां मौजूद पर्यटकों तथा पिकनिक मना रहे लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी।
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